बुध ग्रह पर इतना तापमान क्यों? 5 अनसुलझे रहस्य, जिनके जवाब वैज्ञानिक भी खोज रहे हैं!

बुध ग्रह, जो हमारे सौरमंडल का सबसे छोटा और सूर्य के सबसे निकट का ग्रह है, हमेशा से वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए एक रहस्य रहा है। अपनी इस निकटता के कारण, हम मानते हैं कि यह सबसे गर्म ग्रह होगा, लेकिन क्या यह सच है? और इस छोटे से ग्रह में कौन-कौन से अनसुलझे रहस्य छिपे हैं?

🔥 बुध ग्रह पर इतना तापमान क्यों?

यह एक ऐसा प्रश्न है जो अक्सर मन में आता है। चूंकि बुध सूर्य के सबसे करीब है, तो इसे सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह होना चाहिए। हालाँकि, तकनीकी रूप से यह सच नहीं है – शुक्र ग्रह (Venus) सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है।

फिर भी, बुध पर तापमान बेहद अधिक है और इसकी मुख्य वजहें यहाँ दी गई हैं:

1. सूर्य से अत्यधिक निकटता (Proximity to the Sun)

बुध ग्रह सूर्य से औसतन लगभग 5.8 करोड़ किलोमीटर दूर है। सूर्य की किरणें सीधी इसकी सतह पर पड़ती हैं, जिससे दिन के समय इसकी सतह का तापमान 430°C (800°F) तक पहुँच सकता है।

2. वायुमंडल की अनुपस्थिति (Lack of a substantial Atmosphere)

पृथ्वी और शुक्र के विपरीत, बुध के पास घना वायुमंडल नहीं है। इसका वायुमंडल इतना पतला है कि इसे एक्सोस्फीयर कहा जाता है।

गर्मी को रोकना नहीं: पृथ्वी पर वायुमंडल दिन के दौरान आने वाली कुछ गर्मी को रोकता है और रात में गर्मी को बनाए रखता है। बुध पर, पतले एक्सोस्फीयर के कारण गर्मी को रोककर रखने वाला कोई सुरक्षा कवच नहीं है।

तापमान में भारी बदलाव: वायुमंडल की कमी के कारण दिन की अत्यधिक गर्मी रात में तुरंत अंतरिक्ष में चली जाती है। इसीलिए, रात में तापमान गिरकर -180°C (-290°F) तक पहुँच जाता है। यह तापमान का सबसे बड़ा अंतर है जो सौरमंडल के किसी भी ग्रह पर देखा जाता है।

💡 मुख्य बात: सूर्य से अत्यधिक निकटता, और गर्मी को रोकने वाले घने वायुमंडल की अनुपस्थिति के कारण बुध पर तापमान इतना अधिक और परिवर्तनशील होता है।

🌌 बुध ग्रह के 5 अनसुलझे रहस्य

बुध ग्रह ने अब तक केवल दो अंतरिक्ष यानों – मैरिनर 10 और मेसेंजर – का ही दौरा देखा है, जिसने कई रहस्यों से पर्दा उठाया, लेकिन कई नए प्रश्न भी खड़े कर दिए:

1. ग्रह पर बर्फ की मौजूदगी 🧊

बुध पर तापमान इतना अधिक होने के बावजूद, इसके ध्रुवीय क्षेत्रों (Polar Regions) के गहरे गड्ढों (क्रेटर) के अंदर बर्फ मिली है। इन गड्ढों में सूर्य की रोशनी कभी नहीं पहुँचती, जिससे वे स्थायी रूप से छाया में रहते हैं और उनका तापमान अत्यधिक ठंडा बना रहता है, जहाँ बर्फ का जमा रहना संभव होता है। यह बर्फ कहाँ से आई, यह अभी भी एक रहस्य है।

2. आश्चर्यजनक रूप से बड़ा कोर (Major Core)

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि बुध का धातुई कोर (Metallic Core) ग्रह के कुल आयतन का लगभग 55% है। पृथ्वी का कोर केवल लगभग 17% है। इतना बड़ा कोर कैसे बना, यह एक बड़ा रहस्य है, जो ग्रह के निर्माण और विकास के सिद्धांतों को चुनौती देता है।

3. अजीबोगरीब चुंबकीय क्षेत्र (Strange Magnetic Field)

बुध का अपना चुंबकीय क्षेत्र है, जो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का केवल 1% है। यह छोटा होने के बावजूद सक्रिय है। चूंकि बुध एक छोटा ग्रह है, इसलिए वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की थी कि यह ठंडा हो गया होगा और इसका कोर जम गया होगा, जिससे चुंबकीय क्षेत्र खत्म हो गया होगा। लेकिन इसका चुंबकीय क्षेत्र अभी भी मौजूद है, जिसका अर्थ है कि कोर अभी भी पिघला हुआ है और गतिशील है – यह कैसे संभव है, यह एक पहेली है।

4. बुध का सिकुड़ना (Mercury's Shrinking)

आंकड़ों से पता चलता है कि बुध की सतह पर बड़ी-बड़ी भ्रंश रेखाएं (Fault lines) हैं, जिन्हें लोबेट स्कार्प्स (Lobate Scarps) कहते हैं। ये संरचनाएं संकेत देती हैं कि ग्रह धीरे-धीरे सिकुड़ रहा है। पिछले 4 अरब वर्षों में यह लगभग 7 किलोमीटर तक सिकुड़ चुका है। इस सिकुड़न के कारण और ग्रह के भीतर की प्रक्रियाएं क्या हैं, इसका अध्ययन जारी है।

5. एक्सोस्फीयर की अस्थिरता 💨

बुध का पतला वायुमंडल (एक्सोस्फीयर) सौर हवाओं द्वारा लगातार बदला और नष्ट किया जाता रहता है, इसलिए इसे "सतत नवीनीकृत" वायुमंडल कहा जाता है। इसमें सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम जैसे परमाणु होते हैं। यह एक्सोस्फीयर इतनी जल्दी कैसे फिर से भर जाता है, यह एक जटिल रहस्य है जिसे वैज्ञानिक अभी भी समझने की कोशिश कर रहे हैं।

बुध ग्रह के इन रहस्यों पर शोध जारी है, और आगामी मिशनों से हमें इन जटिल सवालों के जवाब मिलने की उम्मीद है।

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